2025 से पैदा होने वाले बच्चे होंगे Generation Beta: जानिए क्यों ये हैं AI जेनरेशन

Generation Beta (2025)

2025 से पैदा होने वाले बच्चे अब “Generation Beta” के रूप में पहचाने जाएंगे। यह नामकरण पहले की पीढ़ियों जैसे “Generation Alpha” और “Generation Z” के बाद हुआ है। आइए जानते हैं कि “Generation Beta” क्यों एक खास और अनोखी पीढ़ी मानी जा रही है, और इसे “AI जेनरेशन” क्यों कहा जा रहा है।

1. Generation Beta का नामकरण

“Generation Beta” का नाम “Alpha” से लिया गया है, जो उस समय के अंतिम और पहले से सबसे युवा वर्ग को दर्शाता है। 2025 से शुरू होकर, यह पीढ़ी अगले कुछ दशकों तक हमारे समाज में रहेगी। ‘Beta’ को अक्सर तकनीकी और वैज्ञानिक विकास में एक नया चरण माना जाता है, और इसका नामकरण इसका संकेत देता है कि यह पीढ़ी तकनीक और डिजिटल दुनिया में एक नई शुरुआत करेगी।

2. AI जेनरेशन का क्या मतलब है?

Artificial Intelligence (AI) का तेज़ी से विकास और उसके जीवन में प्रभावों को देखते हुए Generation Beta को “AI जेनरेशन” कहा जा रहा है। इस पीढ़ी के बच्चे हर रोज़ के जीवन में AI का समावेश देखकर बड़े होंगे। AI का उपयोग अब केवल कंप्यूटर, स्मार्टफोन, और तकनीकी उपकरणों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, सुरक्षा, और यहां तक कि व्यक्तिगत अनुभवों में भी शामिल होगा।

कुछ मुख्य कारणों की वजह से Generation Beta को “AI जेनरेशन” कहा जा रहा है:

  • AI का जीवन में गहरा प्रभाव: Generation Beta के बच्चे शायद ऐसे वातावरण में बड़े होंगे, जहां AI को अपने जीवन का हिस्सा मानना स्वाभाविक होगा। जैसे कि AI-समर्थित शिक्षा प्रणाली, स्वास्थ्य देखभाल, घरों में स्मार्ट डिवाइस, और समाज में हर जगह AI की उपस्थिति होगी।
  • एजुकेशन और सीखने के तरीके: AI का उपयोग शिक्षा में भी प्रभावी होगा। AI-समर्थित टूल्स और स्मार्ट लर्निंग सिस्टम्स के माध्यम से, बच्चे अपनी शिक्षा में ज्यादा इंटरेक्टिव और पर्सनलाइज्ड अनुभव प्राप्त करेंगे। इसमें वॉयस असिस्टेंट, ट्यूटरिंग ऐप्स, और अन्य डिजिटल रिसोर्स शामिल हो सकते हैं।
  • कस्टमाइज्ड अनुभव: AI के माध्यम से इन बच्चों को एक कस्टमाइज्ड और परफेक्ट अनुभव मिलेगा, चाहे वह ऑनलाइन शॉपिंग हो, मनोरंजन हो, या व्यक्तिगत सेवाएं। AI बच्चों को उनकी पसंद और व्यवहार के आधार पर व्यक्तिगत अनुशंसा दे सकता है।
  • नौकरी और करियर के अवसर: भविष्य में AI और ऑटोमेशन के चलते इस पीढ़ी को न केवल नई नौकरियों के अवसर मिलेंगे, बल्कि उन्हें तकनीकी क्षेत्र में भी करियर बनाने का अधिक अवसर मिलेगा।

3. Generation Beta और स्मार्ट उपकरण

इस पीढ़ी के बच्चे स्मार्ट उपकरणों के साथ अधिक घुले-मिले होंगे। टच स्क्रीन, स्मार्ट टीवी, स्मार्ट फोन, और अन्य IoT (Internet of Things) उपकरण उनके लिए सामान्य होंगे। इनका हर कदम इस तकनीकी विकास के साथ होगा, जो उन्हें AI से प्रेरित और उन्नत बनाएगा।

4. सोशल मीडिया और डिजिटल इंटरएक्शन

Generation Beta के बच्चों का डिजिटल दुनिया से जुड़ाव और भी ज्यादा गहरा होगा। सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से उनके लिए एक समृद्ध और जुड़ा हुआ अनुभव होगा। वे पहले से ही इंटरनेट से जुड़े हुए नेटवर्क का हिस्सा होंगे, जहां AI और अन्य टेक्नोलॉजी के जरिए अधिकतम फायदों का अनुभव करेंगे।

5. सुरक्षा और गोपनीयता

जैसे-जैसे AI का दायरा बढ़ेगा, इस पीढ़ी को अपनी सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर नई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा। AI आधारित उपकरणों में डेटा सुरक्षा और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।

आइए जानते हैं प्रत्येक जेनरेशन का नाम और उनके पीछे की रोचक कहानी.

1. The Greatest Generation (GI जेनरेशन): 1901-1927

इस समय पैदा होने वाले जेनरेशन को The Greatest Generation के नाम से जाना जाता है. इस जेनरेशन के ज्यादातर लोगों ने ग्रेट डिप्रेशन (महामंदी) का दुख झेला था. इस समय पैदा होने वाले ज्यादातर बच्चे सैनिक बने और World War 2 में देश की रक्षा के लिए भाग लिया. इस समय अपने परिवार का पालन-पोषण करना एक उपलब्धि माना जाता था. इस पीढ़ी का अपने काम पर काफी ज्यादा फोकस था, जो उनकी पहचान बन गई. उन्होंने जो अनुभव किया था वह अपने अगली पीढ़ियों को भी विरासत में सौंपा था.

2. The Silent (साइलेंट) Generation: 1928-1945

महामंदी और World War 2 के परिणामों के कारण इस जेनरेशन को  The Silent Generation के नाम से जाना जाता है. इस जेनरेशन के बच्चे मेहनती और आत्मनिर्भर थे.

3. Baby Boomer generation: 1946-1964

इस जेनरेशन का नाम बेबी बूमर्स World War 2 के बाद जनसंख्या में भारी वृद्धि के कारण रखा गया. इस जेनरेशन ने आधुनिकता को अपनाया. बेबी बूमर्स जेनरेशन के लोगों ने अपने बच्चे को नए तरीके से बड़ा किया. इनके लिए टेक्नोलॉजी नई थी. 

4. जेनरेशन X: 1965-1980

जेनरेशन X के लिए भी टेक्नोलॉजी नया था. इस युग में इंटरनेट और वीडियो गेम की शुरुआत हुई. इस जेनरेशन के लोग तेजी से बदलती दुनिया में बड़े हुए थे. इस जेनरेशन के पेरेंट्स ने अपने बच्चों को हर तरह की सुविधा देने की कोशिश की. 

 5. मिलेनियल्स या जेनरेशन Y: 1981-1996

जेनरेशन Y को मिलेनियल्स नाम से जाना जाता है. इस जेनरेशन के लोगों ने सब से ज्यादा बदलाव को देखा और सीखा है. इस जेनरेशन के लोगों ने टेक्नोलॉजी के साथ खुद को अपडेट किया है.

6. जेनरेशन Z: 1997-2009

इस जेनरेशन को जन्म के तुरंत बाद ही इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसा प्लेटफॉर्म मिल गया था. डिजिटल युग में पली-बढ़ी यह जेनरेशन  स्मार्टफोन और इंटरनेट के बिना जीने की कल्पना भी नहीं करती. इस जेनरेशन को अच्छे से पता है कि डिजिटल युग में सोशल मीडिया से पैसे कैसे कमा सकते हैं.

7. जेनरेशन अल्फा: 2010-2024

यह पहली पीढ़ी है जिनके जन्म से पहले ही सोशल मीडिया और इंटरनेट प्लेटफॉर्म था. ये सबसे कम उम्र की नई पीढ़ी है. इस जेनरेशन के बच्चे के माता-पिता इंटरनेट, मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के साथ बड़े हुए हैं. 

8. जेनरेशन बीटा: 2025-2039

1 जनवरी 2025 से जेनरेशन बीटा का दौर शुरू होगा. साल 2025 में जिन बच्चों का जन्म होगा उन्हें ‘बीटा किड्स’ कहा जाएगा. ये बच्चे ऐसी दुनिया में बड़े होंगे जहां टेक्नोलॉजी जिंदगी का एक अहम हिस्सा होगी. जेनरेशन बीटा के जीवन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दखल ज्यादा होगा.

निष्कर्ष:

Generation Beta की शुरुआत के साथ, हम एक नई डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं। यह पीढ़ी तकनीकी और AI-प्रेरित दुनिया का हिस्सा बनेगी, जो जीवन के हर पहलू में सुधार लाएगी। हालांकि, इसके साथ नई चुनौतियां और संभावनाएं भी आएंगी, जिनका सामना समाज और नीति निर्माता करेंगे।

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