CROPIC योजना क्या है:- भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में एक नया और क्रांतिकारी कदम उठाया है — CROPIC योजना के रूप में। आइए इस पहल को सवाल-जवाब (FAQ) के माध्यम से विस्तार से समझें।
❓ Q1: CROPIC क्या है?
🟢 CROPIC का पूरा नाम है:
Collection of Real-Time Observations & Photo of Crops
यह एक डिजिटल अध्ययन है, जिसमें किसानों से फसलों की वास्तविक समय में फोटो ली जाएंगी और उन्हें AI (Artificial Intelligence) की मदद से विश्लेषित किया जाएगा।
❓ Q2: CROPIC योजना क्या है क्यों शुरू की गई है?
🟢 CROPIC योजना का मुख्य उद्देश्य है:
- फसल की सेहत की निगरानी करना
- मौसमी नुकसान का अनुमान लगाना
- फसल बीमा दावों (PMFBY) को पारदर्शी और तेज़ बनाना
❓ Q3: यह योजना कैसे काम करेगी?
🟢 CROPIC के कार्य करने की प्रक्रिया:
- किसान फसल की फोटो CROPIC मोबाइल ऐप के ज़रिए अपलोड करेंगे।
- तस्वीरें AI आधारित क्लाउड प्लेटफॉर्म पर विश्लेषण की जाएंगी।
- जानकारी जैसे फसल का प्रकार, चरण, नुकसान आदि पता किया जाएगा।
- यह डेटा बीमा मूल्यांकन और भुगतान प्रक्रिया में उपयोग होगा।
❓ Q4: CROPIC कब और कहाँ लागू होगी?
🟢 शुरुआत में यह योजना:
- खरीफ 2025 और रबी 2025-26 में लागू होगी।
- प्रत्येक सीजन में कम से कम 50 जिलों में इसका परीक्षण (पायलट) किया जाएगा।
- हर जिले में तीन अधिसूचित फसलें शामिल की जाएंगी।
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❓ Q5: इस योजना का लाभ किसे मिलेगा?
🟢 लाभार्थी होंगे:
- किसान, जिन्हें फसल बीमा योजना के तहत क्लेम मिलेगा।
- सरकारी एजेंसियां, जो तेज़ी से नुकसान का मूल्यांकन कर सकेंगी।
- बीमा कंपनियां, जिन्हें सटीक डेटा मिलेगा।
❓ Q6: इस योजना में किस तकनीक का इस्तेमाल होगा?
🟢 उपयोग की जाने वाली तकनीकें:
- AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और Computer Vision
- Mobile App (फोटो संग्रहण के लिए)
- Cloud Platform (डेटा प्रोसेसिंग के लिए)
- Web Dashboard (डेटा दृश्यांकन के लिए)
❓ Q7: इस योजना के लिए फंडिंग कहाँ से आएगी?
🟢 फंडिंग होगी:
- FIAT (Fund for Innovation and Technology) के तहत
- कुल ₹825 करोड़ का बजट PMFBY के टेक्नोलॉजी इनोवेशन के लिए निर्धारित है।
❓ Q8: यह योजना भविष्य में कैसे बढ़ेगी?
🟢 सरकार का लक्ष्य है:
- 2026 से इसे सभी प्रमुख फसलों और राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू करना।
- इसे डिजिटल कृषि क्रांति की दिशा में एक मजबूत कदम बनाना।
🔚 निष्कर्ष:
CROPIC योजना कृषि और बीमा प्रणाली को अधिक पारदर्शी, डिजिटल और किसान हितैषी बनाने की दिशा में एक अत्याधुनिक प्रयास है।
इस पहल से फसल बीमा में धोखाधड़ी कम होगी, नुकसान का तेज़ मूल्यांकन होगा, और किसानों को उचित समय पर मुआवज़ा मिल सकेगा।