नया आयकर विधेयक 2025 की प्रमुख विशेषताएँ

भारत सरकार ने 13 फरवरी 2025 को संसद में आयकर विधेयक, 2025 पेश किया, जो आयकर अधिनियम, 1961 को सरल और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लाया गया है। यह विधेयक करदाताओं के लिए कर कानून को अधिक समझने योग्य बनाने और अनुपालन प्रक्रिया को आसान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह विधेयक क्यों महत्वपूर्ण है और इसके क्या प्रमुख बदलाव हैं।


आयकर विधेयक, 2025 की प्रमुख विशेषताएँ

1️⃣ सरल भाषा और संरचना

🔹 कानून को पढ़ने और समझने में आसानी: नए विधेयक में जटिल कानूनी भाषा को सरल किया गया है, जिससे आम करदाता भी इसे आसानी से समझ सकें।

🔹 अध्यायों और अनुच्छेदों की संख्या में कमी:

  • पुराने अधिनियम में 819 अनुच्छेद और 47 अध्याय थे, जिन्हें 536 अनुच्छेद और 23 अध्यायों में समेटा गया है।
  • इससे कानून को पढ़ना और संदर्भ लेना आसान होगा।

🔹 गणितीय सूत्र और तालिकाओं का समावेश:

  • कानून में 18 की तुलना में 57 तालिकाएँ जोड़ी गई हैं।
  • 6 के बजाय 46 गणितीय सूत्रों का उपयोग किया गया है, जिससे कर गणना अधिक स्पष्ट होगी।

2️⃣ कोई बड़ा कर नीति परिवर्तन नहीं

🔹 मौजूदा कर दरें बनी रहेंगी: इस विधेयक में कर प्रणाली के मूल सिद्धांतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है, जिससे करदाताओं के लिए स्थिरता बनी रहे।

🔹 स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहन: सरल नियमों और स्पष्ट दिशानिर्देशों के कारण करदाताओं को अपने कर दायित्वों को पूरा करने में अधिक सुविधा होगी।


3️⃣ पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों को हटाया गया

🔹 अनावश्यक और दोहराव वाले प्रावधानों को समाप्त किया गया है, जिससे कानून अधिक संक्षिप्त और प्रभावी हो गया है।

🔹 इससे कर विवादों में कमी आएगी और कर अनुपालन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।


4️⃣ ‘कर वर्ष’ (Tax Year) की नई अवधारणा

‘आकलन वर्ष’ (Assessment Year) और ‘पिछला वर्ष’ (Previous Year) को हटाया गया

  • इससे करदाताओं और कर सलाहकारों के लिए भ्रम की स्थिति समाप्त होगी।
  • अब ‘कर वर्ष’ शब्द का उपयोग किया जाएगा, जो वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल – 31 मार्च) के अनुरूप होगा।

5️⃣ नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं

मौजूदा कर दरें और नीतियाँ बनी रहेंगी:

  • करदाताओं को मौजूदा कर प्रणाली के अनुसार ही आयकर चुकाना होगा।
  • इस विधेयक में केवल भाषागत और संरचनात्मक सुधार किए गए हैं।
  • करदरों (Tax Rates) या छूट संबंधी किसी भी नियम में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है।

6️⃣ विवादों और भ्रम की स्थिति कम होगी

पुरानी और अप्रासंगिक धारणाओं को हटाया गया:

  • कई पुराने और अप्रचलित नियमों को हटा दिया गया है, जिससे अनावश्यक कानूनी विवाद कम होंगे।
  • नए नियम स्पष्ट और पारदर्शी होंगे, जिससे कर अनुपालन (Tax Compliance) आसान बनेगा।

स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा:

  • करदाताओं को स्पष्ट दिशानिर्देश दिए जाएंगे, जिससे वे आसानी से स्वयं कर भर सकें और अनावश्यक कानूनी उलझनों से बच सकें।

सरलीकरण का प्रभाव (Impact of Simplification)

विषयमौजूदा आयकर अधिनियम, 1961आयकर विधेयक, 2025 (प्रस्तावित)परिवर्तन (कमी/वृद्धि)
शब्दों की संख्या5,12,5352,59,6762,52,859 शब्दों की कमी
अध्यायों की संख्या472324 अध्यायों की कमी
अनुच्छेदों की संख्या819536283 अनुच्छेदों की कमी
तालिकाएँ1857📈 39 तालिकाओं की वृद्धि
गणितीय सूत्र (Formulae)646📈 40 नए गणितीय सूत्र जोड़े गए

सरलीकरण के लिए अपनाई गई रणनीति

भाषा को आसान बनाना – जटिल कानूनी शब्दों को हटाकर सहज भाषा में परिवर्तित किया गया।
संशोधनों का समेकन – विभिन्न वर्षों में किए गए संशोधनों को एकीकृत किया गया।
प्रासंगिक सुधार – आधुनिक जरूरतों के अनुसार नए प्रावधान जोड़े गए।
बेस्ट प्रैक्टिस को अपनाना – ऑस्ट्रेलिया और यूके की कर प्रणाली का अध्ययन कर सर्वोत्तम मॉडल अपनाए गए।


करदाताओं के लिए संभावित लाभ

सरल और स्पष्ट कर कानून – करदाता और कर सलाहकार इसे आसानी से समझ पाएंगे।
कम विवाद और कानूनी उलझनें – अनावश्यक नियम हटने से विवादों में कमी आएगी।
कर भुगतान और योजना बनाना आसान – नई तालिकाएँ और सूत्र करदाताओं को कर नियोजन में मदद करेंगे।
व्यवसायों के लिए अनुकूल – नए प्रावधानों से व्यापारियों और कंपनियों को अनुपालन में आसानी होगी।


कब लागू होगा नया विधेयक?

✅ यह विधेयक फिलहाल संसद की वित्तीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee on Finance) के पास समीक्षा के लिए भेजा गया है।
✅ यदि संसद इसे पारित करती है, तो यह 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा।


निष्कर्ष

आयकर विधेयक, 2025 सरकार की कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह करदाताओं के लिए सरलता, स्थिरता और सहज अनुपालन सुनिश्चित करेगा। यह विधेयक विशेष रूप से व्यवसायों और व्यक्तिगत करदाताओं के लिए कर कानून को अधिक सुलभ बनाएगा और भारत में कर प्रशासन को आधुनिक बनाएगा।

📢 क्या आप इस बदलाव से सहमत हैं? हमें कमेंट में बताएं!

आयकर विधेयक, 2025 पर 10 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

प्रश्न 1: आयकर विधेयक, 2025 किस मौजूदा कानून को बदलने के लिए लाया गया है?
1️⃣ वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017
2️⃣ आयकर अधिनियम, 1961
3️⃣ वित्त अधिनियम, 1991
4️⃣ प्रत्यक्ष कर संहिता, 2010

प्रश्न 2: आयकर विधेयक, 2025 में कुल कितने अनुच्छेद (Sections) होंगे?
1️⃣ 819
2️⃣ 700
3️⃣ 536
4️⃣ 600

प्रश्न 3: नए विधेयक में ‘आकलन वर्ष’ और ‘पिछला वर्ष’ को बदलकर क्या नाम दिया गया है?
1️⃣ वित्तीय वर्ष
2️⃣ कर वर्ष
3️⃣ लेखा वर्ष
4️⃣ राजस्व वर्ष

प्रश्न 4: आयकर विधेयक, 2025 में कर नीति से संबंधित कौन सा बदलाव किया गया है?
1️⃣ कर दरें बढ़ा दी गई हैं
2️⃣ नए कर स्लैब जोड़े गए हैं
3️⃣ कोई बड़ा नीति परिवर्तन नहीं किया गया
4️⃣ सभी कर छूट समाप्त कर दी गई है

प्रश्न 5: आयकर विधेयक, 2025 कब से प्रभावी होने का प्रस्ताव है?
1️⃣ 1 अप्रैल 2025
2️⃣ 1 जनवरी 2026
3️⃣ 1 अप्रैल 2026
4️⃣ 1 जुलाई 2026

प्रश्न 6: नए विधेयक में कुल कितने अध्याय होंगे?
1️⃣ 23
2️⃣ 30
3️⃣ 47
4️⃣ 50

प्रश्न 7: नए विधेयक के अनुसार, इसे संसद में पारित करने से पहले किस समिति को समीक्षा के लिए भेजा जाएगा?
1️⃣ लोक लेखा समिति
2️⃣ वित्तीय स्थायी समिति
3️⃣ कानूनी मामलों की समिति
4️⃣ आर्थिक मामलों की समिति

प्रश्न 8: आयकर विधेयक, 2025 को किस उद्देश्य से पेश किया गया है?
1️⃣ कर अनुपालन को सरल बनाने के लिए
2️⃣ कर दरों को बढ़ाने के लिए
3️⃣ अधिक कर संग्रह करने के लिए
4️⃣ कर दाताओं पर नए कर लगाने के लिए

प्रश्न 9: आयकर विधेयक, 2025 में आयकर कानून को आसान बनाने के लिए कौन सा उपाय अपनाया गया है?
1️⃣ कर गणना के लिए तालिकाओं और सूत्रों का उपयोग
2️⃣ नए कर स्लैब जोड़े गए
3️⃣ टैक्स रिफंड को समाप्त कर दिया गया
4️⃣ केवल कॉर्पोरेट कर पर ध्यान केंद्रित किया गया

प्रश्न 10: नए विधेयक में कर प्रणाली को स्पष्ट करने के लिए किस प्रकार के नियमों को हटाया गया है?
1️⃣ अप्रचलित और जटिल नियम
2️⃣ प्रत्यक्ष कर संबंधी सभी नियम
3️⃣ केवल कॉर्पोरेट कर के नियम
4️⃣ आयकर छूट से संबंधित सभी प्रावधान

सभी प्रश्नों के उत्तर:

1: 2️⃣ आयकर अधिनियम, 1961
2: 3️⃣ 536
3: 2️⃣ कर वर्ष
4: 3️⃣ कोई बड़ा नीति परिवर्तन नहीं किया गया
5: 3️⃣ 1 अप्रैल 2026
6: 1️⃣ 23
7: 2️⃣ वित्तीय स्थायी समिति
8: 1️⃣ कर अनुपालन को सरल बनाने के लिए
9: 1️⃣ कर गणना के लिए तालिकाओं और सूत्रों का उपयोग
10: 1️⃣ अप्रचलित और जटिल नियम

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