नमस्कार दोस्तो , आज हम आपको ठंडी महासागरीय जलधाराओं (Cold Ocean Currents) को आसानी से याद करने की ट्रिक बताने जा रहे है। आप सब महासागरीय जलधाराओं (Ocean Currents) के बारे में जानते है। महासागरीय जलधाराओं (Ocean Currents) से अक्सर Exam में Questions पूछे जाते है, कि कौन सी जलधारा गर्म है और कौन सी जलधारा ठण्डी है ! सभी जलधाराओं को याद रखना एक कठिन कार्य है , आज हम आपको एक ऐसी Trick बताऐंगे जिससे कि आप ठण्डी जलधाराओं (Cold Currents) को आसानी से याद रख पाऐंगे, और बाकी की बची हुई जलधाराऐं गर्म होगी।
तो चलिये ठण्डी जलधाराओं को याद करने की आसान सी Trick देख लेते है:–
GK Trick
हम बोले ग्रीन बगुला क्यों केला FAK (फ़ेंक) रहा है
Explanation
हम बो – हम्बोल्ट की धारा
ले – लेब्रोडोर की धारा
ग्रीन – ग्रीनलैंड की धारा
बगुला – बेंगुऐला की धारा
क्यों – क्युराइल की धारा
केला – कैलीफ़ोर्निया की धारा
F – फ़ाकलैंड की धारा
A – आखोस्टक की धारा
K – कनारी की धारा
इस तरह आपको ठंडी जलधाराऐं याद हो जाऐंगी और बाकी बची हुई जलधाराऐं गरम होंगी ! तो दोस्तो है न एकदम शानदार ट्रिक !!
महासागरीय जलधाराये (Ocean Current) अन्य परीक्षापयोगी तथ्य –
महासागरीय धाराये (Ocean Current)
►एक निश्चित दिशा में बहुत अधिक दूरी तक महासागरीय जल की एक विशाल जलराशि के प्रवाह को महासागरीय जलधारा कहते है
► समुद्री धाराएं उष्ण या गर्म (warm) अथवा शीतल या ठंडी (cold) दो प्रकार की होती हैं। गर्म धारा वह होती है जिसके जल का तापमान उसके किनारे के सागरीय जल के तापमान से अधिक होता है। इसके विपरीत ठंडी धारा में जल का तापमान किनारे के सागरीय जल के तापमान से कम होता है।
► ठण्डी जलधारा मुख्यत: धुर्वों से भूमध्य रेखा की ओर चलती है व गर्म जलधाराऐं मुख्यत: भूमध्य रेखा से धुर्वों की ओर चलती है
► उत्तरी गोलार्द्ध की जलधाराऐं अपनी दायीं ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध की जलधाराऐं अपनी बाईं ओर प्रवाहित होती है ! यह कारिओलिस बल के प्रभाव से होता है !
उत्पत्ति– ►महासागरीय धारा बनने के मुख्यत: तीन कारण होते हैं –
1-प्रथम तो जल में लवण की मात्रा एक स्थान की अपेक्षा दूसरे स्थान पर बदलती है, इसलिए सागरीय जल के घनत्व में भी स्थान के साथ-साथ परिवर्तन आता है। द्रव्यों की प्राकृतिक प्रवृत्ति जिसमें वे अधिक घनत्व वाले क्षेत्र की ओर अग्रसर होते हैं, के कारण धाराएं बनती हैं।
2-दूसरे कारण में सूर्य की किरणें जल की सतह पर एक समान नहीं पड़तीं। इस कारण जल के तापमान में असमानता आ जाती है। इसके कारण संवहन धारा (कन्वेक्शन करंट) पैदा होते हैं।
3-तीसरा कारण सागर की सतह के ऊपर बहने वाली तेज हवाएं होती हैं। उनमें भी जल में तरंगें पैदा करने की क्षमता होती है। ये तरंगें पृथ्वी की परिक्रमा से भी बनती हैं। इस घूर्णन के कारण पृथ्वी के उत्तरी हिस्से में घड़ी की दिशा में धाराएं बनती हैं।
प्रमुख धाराएं–
►अटलांटिक महासागर की जलधाराऐं
खाड़ी के उत्तर स्ट्रीम —- गर्म
उत्तरी अटलांटिक धारा —- गर्म
ब्राजील धारा — –गर्म
बेंगुला धारा– ठंडी
कैनरी धारा—- ठंडी
लेब्राडोर धारा—-ठंडी
ग्रीनलैंड धारा —-ठंडी
फ़ाकलैंड धारा—-ठंडी
►प्रशांत महासागर की जलधाराऐं
अलास्का की धारा—-गर्म
क्यूरोशियो (जापान) धारा—-गर्म
उत्तरी प्रशांत महासागर धारा—- गर्म
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई धारा —- गर्म
इक्वेटोरियल धारा —- गर्म
हम्बोल्ट (पेरू) धारा —-ठंडी
कैलीफोर्निया की धारा —- ठंडी
क्युराइल धारा– –ठंडी
► हिंद महासागर की जलधाराऐं
अगुलहास धारा —- गर्म