संधि: Study Notes of संधि for CTET, TET, Samvida, SI, Vyapam
प्रिय पाठकों,
टी ई टी एवं अन्य परीक्षाओं में व्याकरण भाग से विभिन्न प्रश्न पूछे जाते है ये प्रश्न आप बहुत आसानी से हल कर सकते है यदि आप हिंदी भाषा से सम्बंधित नियमों का अध्ययन ध्यानपूर्वक करें । यहां "संधि: Study Notes of संधि for CTET, TET, Samvida, SI, Vyapam" बहुत ही साधारण भाषा में विषय को समझाया गया है तथा विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से भी अवधारणा को स्पष्ट किया गया है प्रस्तुत नोट्स को पढ़ने के बाद आप संधि से सम्बंधित विभिन्न प्रश्नों को आसानी से हल कर पाएंगे ।
संधि:- दो पदों में संयोजन होने पर जब दो वर्ण पास -पास आते हैं , तब उनमें जो विकार सहित मेल होता है , उसे संधि कहते हैं !
संधि के प्रकार:
दो स्वरों के पास -पास आने पर उनमें जो रूपान्तरण होता है , उसे स्वर संधि कहते है ! स्वर संधि के पांच भेद हैं :-
- दीर्घ स्वर संधि
- गुण स्वर संधि
- यण स्वर संधि
- वृद्धि स्वर संधि
- अयादि स्वर संधि
A- दीर्घ संधि- जब दो सवर्णी स्वर पास -पास आते हैं , तो मिलकर दीर्घ हो जाते हैं !
जैसे:- अ+अ = आ, भाव +अर्थ = भावार्थ
इ +ई = ई, गिरि +ईश = गिरीश
उ +उ = ऊ, अनु +उदित = अनूदित
ऊ +उ =ऊ, वधू +उत्सव =वधूत्सव
B- गुण संधि :- अ तथा आ के बाद इ , ई , उ , ऊ तथा ऋ आने पर क्रमश: ए , ओ तथा अनतस्थ र होता है इस विकार को गुण संधि कहते है !
जैसे :- अ +इ =ए देव +इन्द्र = देवेन्द्र
अ +ऊ =ओ जल +ऊर्मि = जलोर्मि
अ +ई =ए नर +ईश = नरेश
आ +इ =ए महा +इन्द्र = महेन्द्र
आ +उ =ओ नयन +उत्सव = नयनोत्सव
C- यण संधि :- यदि इ , ई , उ , ऊ ,और ऋ के बाद कोई भिन्न स्वर आए तो इनका परिवर्तन क्रमश: य , व् और र में हो जाता है !
जैसे - इ का य = इति +आदि = इत्यादि
ई का य = देवी +आवाहन = देव्यावाहन
उ का व = सु +आगत = स्वागत
ऊ का व = वधू +आगमन = वध्वागमन
ऋ का र = पितृ +आदेश = पित्रादेश
D- वृद्धि संधि :- यदि अ अथवा आ के बाद ए अथवा ऐ हो तो दोनों को मिलाकर ऐ और यदि ओ अथवा औ हो तो दोनों को मिलाकर औ हो जाता है ! जैसे -
अ +ए =ऐ एक +एक = एकैक
अ +ऐ =ऐ मत +ऐक्य = मतैक्य
अ +औ=औ परम +औषध = परमौषध
आ +औ =औ महा +औषध = महौषध
आ +ओ =औ महा +ओघ = महौघ
E- अयादि संधि :- यदि ए , ऐ और ओ , औ के पशचात इन्हें छोड़कर कोई अन्य स्वर हो तो इनका परिवर्तन क्रमश: अय , आय , अव , आव में हो जाता है जैसे -
ए का अय ने +अन = नयन
ऐ का आय नै +अक = नायक
ओ का अव पो +अन = पवन
औ का आव पौ +अन = पावन
न का परिवर्तन ण में = श्रो +अन = श्रवण
व्यंजन के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उस व्यंजन में जो रुपान्तरण होता है , उसे व्यंजन संधि कहते हैं जैसे :-
प्रति +छवि = प्रतिच्छवि
दिक् +अन्त = दिगन्त
दिक् +गज = दिग्गज
अनु +छेद =अनुच्छेद
अच +अन्त = अजन्त
3 - विसर्ग संधि
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन का मेल होने पर जो विकार होता है , उसे विसर्ग संधि कहते हैं ! जैसे -
मन: +रथ = मनोरथ
यश: +अभिलाषा = यशोभिलाषा
अध: +गति = अधोगति
नि: +छल = निश्छल
दु: +गम = दुर्गम
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